चंडीगढ़
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की महिला आइएएस आफिसर रानी नागर को प्रताड़ित करने और तीन महीने से सरकारी आवास मुहैया न करवाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से चुप्पी तोड़ने को कहा है। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में गुर्जर समाज की इकलौती आइएएस अधिकारी की प्रताड़ना के लिए भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार सीधे जिम्मेदार है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एक प्रतिभावान आइएएस अधिकारी को सरकारी आवास न उपलब्ध कराने पर वह गुर्जर भवन में रहने को मजबूर हैंं। सरकार का यह रवैया पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के साथ संवेदनहीनता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अजीब बात है कि सत्ता से चिपके बैठे गुर्जर समाज के नेताओं व मंत्रियों ने भी इस बेटी के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई।
सुरजेवाला ने कहा कि ऐसे विधायकों व मंत्रियों को सरकार में रहने का कोई नैतिक हक नहीं है और उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सुरजेवाला ने कहा कि चंडीगढ़ और पंचकूला में सैकड़ों सरकारी आवास उपलब्ध हैं। राज्यपाल को तुरंत इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और रानी नागर को सरकारी आवास उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। बता दें, हरियाणा की चर्चित आइएएस अधिकारी रानी नागर ने सरकार द्वारा अभी तक आवास की सुविधा नहीं मिलने पर फेसबुक पर अपना दर्द बयां किया था। कहा कि वह चंडीगढ़ के एक गेस्ट हाउस में रह रही हैं। यह सेक्टर 28 में गुर्जर भवन है। रानी नागर ने पिछले साल लाकडाउन के दौरान एक विवाद के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने से पहले वह चंडीगढ़ स्थित यूटी गेस्ट हाउस में अपनी बहन के साथ रहती थी। उस समय भी उनका आवास को लेकर ही विवाद था। रानी नागर चंडीगढ़ में इस्तीफा देने के बाद गाजियाबाद चली गई थी। इसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात की और पिछले साल 11 नवंबर को उन्हें दोबारा हरियाणा की सेवाओं में बहाल कर दिया गया। वर्तमान में वह नागरिक संसाधन सूचना विभाग हरियाणा में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनात हैं।
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